वह बारह वर्ष की उम में गेहूं और चीनी लाने के लिये राशन
दूकान में लाइन लगाती थी
रोज
शाम को साइकिल से गाय का दूध दुहा के लाती थी
शाम को भाई
को गोद में ले के मैदान में घुमाती थी
बड़े
बड़े चादर फींचना उसका काम था ...............
वह लड़की स्कूल
भी जाती थी
स्कूल में उसे
फ्री टिफिन मिलता था एक केला , एक संतरा , दो बिस्कुट
बड़ा मजा आता
था उसे उस टिफिन को खाने में
घर में शायद
उस लड़की की माँ को उस का स्कूल जाना न पसंद था
......
यह कहानी ....अभी बाक़ी है ल
No comments:
Post a Comment