Thursday, July 26, 2018

सकारात्मक भाव ही जीत है ।

'सबल का नहीं दोष गोसाईं ।' हारा दुखियारा मन कह उठता है ।

पर 'नर हो न निराश करो मन को । ' यह भी किसी ने लिखा है ।

प्रकृति की सर्वोत्तम रचना मानव है । वह आकाश और समुद्र दोनों के गम्भीर रहस्यों को भेदने में लगा है ।



लगन की आग जिसके जिगर में लगी है वह जीतता है जीवन जंग ।

अपनी हार का दोष किसी सबल पर डालते ही मन में  नकारात्मक भाव पैदा होने लगते हैं ।

जितनी तेजी से हारें हम , उसकी दुगनी तेजी से हम जीत की ओर अग्रसर हों । जीवन में सफलता हमें जरूर मिलेगी । 

Wednesday, July 25, 2018

एक कहानी ...अभी बाकी है ।






-इंदु बाला सिंह

उम्र - बीस वर्ष


एक कहानी लेखन विद्यालय था ....शायद पता था .....कहानी लेखन महाविद्यालय अम्बाला छावनी ....कहानी लिखना .......लेख लिखना भी वे लोग सिखाते थे ...पोस्टल कोर्स था ..........

हम भी विद्यार्थी थे इस विद्यालय के ...

गधे रह गये हम ........

इमानदारी जब बोझ लगने लगे तो .....

कामवाली हटा कर खुद घास निकालना अच्छा लगने लगता है

माली हटा कर ,फावड़ा चला चला कर , पसीना पोंछना भाने लगता है

और

तब सपने आने बंद हो जाते हैं |

Thursday, July 19, 2018

एक कहानी


वह बारह वर्ष की उम में  गेहूं और चीनी लाने के लिये राशन दूकान में लाइन लगाती थी
रोज शाम को साइकिल से गाय का दूध दुहा के लाती थी
शाम को भाई को गोद में ले के मैदान में घुमाती थी
बड़े बड़े चादर फींचना उसका काम था ...............
वह लड़की स्कूल भी जाती थी
स्कूल में उसे फ्री टिफिन मिलता था एक केला , एक संतरा , दो बिस्कुट
बड़ा मजा आता था उसे उस टिफिन को खाने में
घर में शायद उस लड़की की माँ को उस का स्कूल जाना न पसंद था

......

यह कहानी ....अभी  बाक़ी है ल

Wednesday, July 4, 2018

Close your bedroom door

-Indu Bala Singh


Sometimes old parents are unbearable

Exceptions are everywhere ....

Love them

Take care of them

Fulfill all there needs .......

But

O dear !

When you sleep

Close your bedroom door ,