आज अशोक कुमार के फ़िल्मों पर बात उठी मेरे अपनों के बीच तो याद आयी मुझे स्कूल डेज़ में देखी एक मूवी .....मूवी का नाम याद नहीं , कथानक भी याद नहीं पर याद रह गये मुझे कुछ दृश्य । शायद मेरे बालमन को वे दृश्य बहुत भाए थे तभी तो उन्हें मैं आज तो नहीं भूली हूँ ।
मूवी में अशोक कुमार और माला सिन्हा पिता और पुत्री थे और वे दोनों ही पेशे से वक़ील थे । वे दोनों एक ऐसा केस लिए थे जिसमें वे दोनों कोर्ट में एक दूसरे के विरोधी थे । कोर्ट में उनके तकरार और घर में डाइनिंग टेबल पर की मिठास मुझे बहुत भाए थी । और मैं भूल न पाइ वह दृश्य ।
बेटी जब अपनी प्रतिभा से पिता को पछाड़ पाती है तो यह पिता की जीत होती हैं । ऐसी बेटी बड़ी शक्तिशाली होती है । दंगल मूवी की नायिका भी एक अतुलनीय उदाहरण है ।
मूवी में अशोक कुमार और माला सिन्हा पिता और पुत्री थे और वे दोनों ही पेशे से वक़ील थे । वे दोनों एक ऐसा केस लिए थे जिसमें वे दोनों कोर्ट में एक दूसरे के विरोधी थे । कोर्ट में उनके तकरार और घर में डाइनिंग टेबल पर की मिठास मुझे बहुत भाए थी । और मैं भूल न पाइ वह दृश्य ।
बेटी जब अपनी प्रतिभा से पिता को पछाड़ पाती है तो यह पिता की जीत होती हैं । ऐसी बेटी बड़ी शक्तिशाली होती है । दंगल मूवी की नायिका भी एक अतुलनीय उदाहरण है ।
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