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November 2014
07:10
-इंदु बाला
सिंह
सीनियर
सिटीजन के नाम पर मन जीतने की कोशिश करना व्यर्थ है आपका क्योंकि हमने बिठा रखा है
देश के शीर्ष पदों पर बुजुर्गों को | माना
शारीरिक श्रम कर पाने में आप कुछ कम होंगे
पर मानसिक श्रम , बल , अनुभव , क्षमा जैसे अपने गुण क्यों छुपाना चाहते हैं ? कहानी
ही नहीं सुनना है हमें आपसे आप स्वयं एक आदर्श कहानी है हमारे लिये | निरीह न बनिये किसी के पास
महोदय ! आप अपने घर के युवा सदस्यों की शान हैं प्रकाश स्तम्भ हैं | आपसे हमने
सीखा है हमने अपने मुहल्ले में सम्मान से जीना और अपने अस्तित्व के लिये लड़ना | जगिये
और जगाईये ओ सीनियर सिटिजन ! और जगाईये आग हम बच्चे व बच्चियों में सम्मानजनक जीवन जीने की आग |
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