Tuesday, March 19, 2013

विदेश पुकारे


विदेश शब्द में ही सम्मोहन है | दूर की धरती , माहौल , लोग सब कुछ नया | परिवार का एक सदस्य विदेश में हो तो पूछिए मत | बच्चों को तो विदेश ही जाना है उच्च शिक्षा के लिये | वहाँ शिक्षा का स्तर बहुत अच्छा है | कितने मेरे सहपाठी पढ़ रहे हैं वहाँ | एक के पीछे एक विद्यार्थी लगा ही रहता है | सबको वहीं पढ़ने जाना है | विदेशों में पढ़ाई के लिये जानेवाले कम युवा वापस लौटते हैं | यहाँ उनकी पढ़ाई की वो इज्जत नहीं मिल पाती जो उन्हें उसी देश  में मिलती है | आखिर क्यों ? हम अपने देश के शिक्षा संस्थानों का स्तर क्यों नहीं सुधारते ?  क्या ये हमारी युवा प्रतिभा का पलायन नहीं है ?

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