Saturday, November 3, 2018

परिवर्तन भी ऑक्सीजन है

परिवर्तन भय की जननी है और निडरता की भी ।
जितनी आग रहेगी लगन की मन में उतनी ही ज्यादा निडरता भय पर हावी होती  जायेगी । परिवर्तन हववके बहाव को बूझते अपनी चाल में स्थिरता व तेजी लाती जायेगी ।

परिवर्तन और सूर्योदय किसी के रोके न रुका है और न रुकेगा । समझदार व्यक्ति परिवर्तन का स्वागत खुले दिल से करता है ।


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