फेसबुक ( न्यूज पेपर ) और ट्रांज़िस्टर से ज्ञान प्राप्त करना ज्यादा बेहतर है ।
टी ० वी ० अगर खुल जाय तो बंद करना मुश्किल हो जाता है ।
अपना पसंदीदा कार्यक्रम तो हम कम्प्यूटर के टी ० वी ० पर भी देख सकते हैं ।
शायद यही कारण है आज नेट और कम्प्यूटर के फैलाव का , वैसे रेडियो ( ट्रांज़िस्टर ) तो सदा बहार है । रेडियो हमें खींच कर अपने सामने नहीं बैठाता ,बल्कि यह हमारे साथ साथ किचेन , स्टडी टेबल , लॉन , सड़क इत्यादि जगहों पर चलता रहता है ।